28 सितंबर 2025 का पंचांग (रविवार) – आज का हिन्दू पंचांग और महत्वपूर्ण जानकारी

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28 सितंबर 2025 का पंचांग की पूरी जानकारी यहाँ है, भारत में हिन्दू पंचांग एक पारंपरिक कैलेंडर है, जिसमें तिथि, नक्षत्र, योग, करण, सूर्योदय-सूर्यास्त और राहु काल जैसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी जाती हैं। धार्मिक कार्यों, व्रत, त्योहार और शुभ मुहूर्त निकालने के लिए यह पंचांग बहुत उपयोगी है। इस लेख में हम 28 सितंबर 2025 (रविवार) के पंचांग की संपूर्ण जानकारी और नवरात्रि पूजा के महत्व पर प्रकाश डाल रहे हैं।


28 सितंबर 2025 का पंचांग – मुख्य विवरण

तिथि और वार
28 सितंबर 2025 को शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है, जो दोपहर 14:28:50 तक रहेगी। यह दिन रविवार का है। रविवार को सूर्य देव की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।

नक्षत्र और योग
इस दिन ज्येष्ठा नक्षत्र है, जो रात 27:55:38 तक रहेगा। नक्षत्रों के आधार पर शुभ और अशुभ फल प्राप्त होते हैं। इस दिन का योग आयुष्मान है, जो 24:32:10 तक रहेगा।

करण
तैतिल करण 14:28:50 तक और गर करण 27:34:15 तक रहेगा। करण, मुहूर्त की शुभता को प्रभावित करता है।


सूर्योदय, सूर्यास्त और चंद्रमा की स्थिति

विवरणसमय
सूर्योदय06:12:09
सूर्यास्त18:11:14
चंद्र राशिवृश्चिक – 27:55:38 तक
चंद्रोदय11:58:00
चंद्रास्त22:02:00
ऋतुशरद

सूर्य और चंद्रमा की स्थिति हिन्दू पंचांग के महत्वपूर्ण घटक हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय के आधार पर शुभ और अशुभ मुहूर्त तय किए जाते हैं।


अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)

हिन्दू पंचांग में अशुभ समय जानना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शुभ समय। इस दिन के अशुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:

  • दुष्टमुहूर्त: 16:35:21 से 17:23:17 तक
  • कुलिक: 16:35:21 से 17:23:17 तक
  • कंटक: 10:11:51 से 10:59:47 तक
  • राहु काल: 16:41:21 से 18:11:14 तक
  • यमगण्ड: 12:11:42 से 13:41:35 तक
  • गुलिक काल: 15:11:28 से 16:41:21 तक

राहु काल और यमगण्ड काल में नए या महत्वपूर्ण कार्यों की शुरुआत से बचना चाहिए।


शुभ समय (शुभ मुहूर्त)

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:47:43 से 12:35:40 तक

अभिजीत मुहूर्त को विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस समय के दौरान कार्य करने पर सफलता और सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना रहती है।

पंचांग 27 सितंबर 2025 – Hindi Panchang Today


दिशा शूल

इस दिन का दिशा शूल पश्चिम दिशा में है। यदि आपको पश्चिम दिशा में यात्रा करनी पड़े तो तुलसी पत्ता, गुड़ या पानी लेकर प्रस्थान करना शुभ माना जाता है।


चंद्रबल और ताराबल

श्रेणीराशियाँ
ताराबलअश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती
चंद्रबलवृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ

जिन राशियों को चंद्रबल प्राप्त होता है, उनके लिए यह दिन विशेष लाभकारी माना जाता है।


28 सितंबर 2025 को नवरात्रि की पूजा – माँ कालरात्रि

शारदीय नवरात्रि के दौरान 28 सितंबर 2025 को माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है। माँ कालरात्रि को शक्ति और साहस की देवी माना जाता है। इस दिन भक्त माँ की पूजा-अर्चना कर नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाव और सकारात्मक शक्ति प्राप्त करने की कामना करते हैं। यह दिन शक्ति उपासना के लिए अत्यंत शुभ है।


28 सितंबर 2025 के पंचांग के प्रमुख तथ्य

  • शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि
  • ज्येष्ठा नक्षत्र और आयुष्मान योग
  • राहु काल 16:41:21 से 18:11:14 तक
  • अभिजीत मुहूर्त 11:47:43 से 12:35:40 तक
  • रविवार को सूर्य देव और माँ कालरात्रि की पूजा का विशेष महत्व

निष्कर्ष

28 सितंबर 2025 (रविवार) का पंचांग धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दिन नवरात्रि के दौरान माँ कालरात्रि की पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ है। रविवार होने के कारण सूर्य देव की उपासना और व्रत करने से स्वास्थ्य और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। पंचांग में दिए गए शुभ-अशुभ समय, दिशा शूल और चंद्रबल की जानकारी का पालन करने से जीवन में सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।

इस प्रकार, 28 सितंबर 2025 का यह विस्तृत पंचांग आपके धार्मिक कार्यों, व्रत और पूजा के लिए संपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करता है।

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